मार्जरी आसन की विधि,लाभ और सावधानियाँ Marjari Asana ki Vidhi,Labh aur Savdhaniyan

weitten by: Dr.Virendra Singh Editted by: Pratibha Thakur


मर्जरी आसन या कैट काऊ पोज का नियमित अभ्यास करने से हमारे शरीर और मस्तिष्क में बहुत ही उपयोगी सिद्ध होता है।यह आसन हमारे रीड कि हड्डी में खिचाव पैदा करता है जो शारीरिक सामर्थ्य और ताकत(स्ट्रेंथ)में सुधार करता है।यह पेल्विक(pelvic) फ्लोर,पेल्विक क्षेत्र जो पेट और जननांग के अन्दर की महत्वपूर्ण  मांसपेशियों का हिस्सा माना गया है उनमें स्थायित्व और लचीलापन लाने में सहायक है।यह हमारे मानसिक स्वास्थ्य में सुधार लाता हे जिससे मन शांत रहता है और तनाव मुक्त रहने में सहायता मिलती है, तनाव कम होने से शारीरिक सक्रियता में सुधार होता है, शरीर के प्रत्येक अंगों में रक्त का संचार होता हे जिससे कमर दर्द, कंधों के दर्द, गर्दन के दर्द ठीक होते हे, जो शरीर को स्वस्थ और निरोग रहने में सहायता करता है।यह आसन हमारे सामर्थ्य को बढ़ाने के साथ साथ मस्तिष्क की क्षमता विकसित करता है जिससे हमारे अन्दर एकाग्रता, शारीरिक समन्वय और मानसिक स्थिरता में सुधार होता है।मार्जरी आसन को नियमित रूप से अभ्यास करने से आपके शरीर और मस्तिष्क को अनेक तरह से लाभ हो सकते हैं, जो योग का महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकता है। योग आसनों का अभ्यास सही तरीके से करने के लिए ध्यानपूर्वक और स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी तकनीकी का पालन करें, आसनों का सही तरीके से करने के लिये किसी सुयोग्य योग चिकित्सक की देख रेख में अभ्यास करें जिससे आपको सही तकनीक का पता चल सके और आप पूरा लाभ उठा सकें, यदि आपमें कोई विशेष स्वास्थ्य संबंधी समस्या महसूस हो रही है तो अभ्यास के पूर्व डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें। इस लेख में आगे मर्जरी आसन की विधि ,लाभ और सावधानियाँ बताईं गई है जिसका अध्ययन करके हम इस आसन की अपने जीवन में उपयोगिता समझ सकते है तथा अपने जीवन को स्वस्थ और निरोग बनाये रखने में योग एक कारगर तकनीक साबित हो सकती है।


विषय सूची



  • मर्जरी आसन क्या है?(What is Marjari Asana?)
  • मार्जरी आसन में श्वास की स्थिति(Breathing position in Marjari Asana)
  • मार्जरी आसन करने के पूर्व आसन अभ्यास(Asana practice before doing Marjari Asana)
  • मार्जरी आसन की विधि(Method of Marjari Asana)
  • मार्जारी आसन या कैट काउ पोज कैसे करें वीडियो(How to do Marjari Asana or Cat Cow Pose Video)
  • मार्जरी आसन करने की अवधि(Duration of Marjari Asana)
  • मार्जरीआसन करने में जागरूकता(awareness in doing Marjariasana)
  • मार्जरी आसन अभ्यास में ध्यान रखने योग्य बातें(Things to keep in mind while practicing Marjari Asana)
  • मार्जरी आसन करने के बाद करने वाले आसन(Asanas to do after doing Marjari Asana)
  • मार्जरी आसन शुरुआती लोगों के लिए करने के सुझाव(Tips to do Marjari Asana for beginners)
  • मार्जरी आसन के लाभ(Benefits of Marjari Asana)
  • मार्जरी आसन के फायदे मेरुदंड में(Benefits of Marjari Asana for spine)
  • मार्जरी आसन के फायदे कंधों में(Benefits of Marjari Asana in shoulders)
  • मार्जरी आसन के लाभ गर्दन में(Benefits of Marjari Asana in neck)
  • मार्जरी आसन के फायदे पाचन को मजबूत करने में(Benefits of Marjari Asana in strengthening digestion)
  • मार्जरी आसन के लाभ रक्त परिसंचरण में(Benefits of Marjari Asana in blood circulation)
  • मार्जरी आसन के लाभ तनाव प्रबंधन में(Benefits of Marjari Asana in stress management)
  • मार्जरी आसन के फायदे पेट का फैट कम करने में(Benefits of Marjari Asana in reducing belly fat)
  • मार्जरी आसन के फायदे गर्भावस्था में(Benefits of Marjari Asana during pregnancy)
  • मार्जरी आसन के फायदे महिलाओं के प्रजनन अंगों में(Benefits of Marjari Asana in women's reproductive organs)
  • मार्जरी आसन के लाभ कलाई की क्षमता बढ़ाने में(Benefits of Marjari Asana in increasing wrist strength)
  • मार्जरी असार के लाभ पाचक ग्रंथियों की मालिश करने में(Benefits of marjoram essence in massaging the digestive glands)
  • मार्जरी आसन के लाभ अस्थमा रोगियों में(Benefits of Marjari Asana in asthma patients)
  • मार्जरी आसन के फायदे मासिक धर्म में(Benefits of Marjari Asana during menstruation)
  • मार्जरी आसन के लाभ मन शान्त करने में(Benefits of Marjari Asana in calming the mind)
  • मार्जरी आसन के लाभ प्राथमिक कष्टार्तव में(Benefits of Marjari Asana in primary dysmenorrhea)
  • मार्जरी आसन की सावधानियाँ(Precautions for Marjari Asana)


मर्जरी आसन क्या है?(What is Marjari Asana?)

मार्जरी एक संस्कृत शब्द है इस भाषा में इसे मार्जरी आसन के नाम से जानते है।यह आसन दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है मार्जरी और आसन।मार्जरी का तात्पर्य हे बिल्ली(cat) और आसन का तात्पर्य हे मुद्रा या स्थिति।इस आसन को करने वाला व्यक्ति बिल्ली की आकृति का दिखायी देता है इसीलिए इसको बिल्ली आसन,संस्कृत में मार्जरी आसन और अंग्रेजी में कैट पोस(cat pose) के नाम से जाना जाता है।यह आसन हमारे मेरुदंड,गर्दन,नितंब और कंधों को लचीला बनाने के साथ साथ उनको मजबूती भी प्रदान करता है।


मार्जरी आसन की विधि,लाभ और सावधानियाँ

मार्जरी आसन में श्वास की स्थिति(Breathing position in Marjari Asana)

 साँस लेने की गति को यथासंभव धीरे-धीरे गहरी करने का प्रयास करें। साँस भरने(inhal) और छोड़ने(exhal) दोनों के लिए कम से कम पाँच से छह सेकंड लेने और छोड़ने का लक्ष्य रखें।पाँच से छह सेकंड सांस भरते हुए गिनने की कोशिश करें इसी तरह सांस छोड़ते हुए पाँच से छह सेकंड मानसिक गिनती गिनने की कोशिश करें इससे हमारे आसन और सांस को नियंत्रण करने में सहायता मिलेगी।इस अभ्यास के दौरान उज्जयी साँस लेने से और अधिकतम लाभ लिया जा सकता है।

मार्जरी आसन करने के पूर्व आसन अभ्यास(Asana practice before doing Marjari Asana)

मार्जरी आसन का अभ्यास करने से पहले हमें अपने शरीर की कुछ स्ट्रेचिंग करना जरुरी होती हे जो शरीर को लचीला और उस आसन को करने में सहयोग दे,शरीर में रक्त का संचार ठीक से हो,शरीर की मसल्स उस अभ्यास के लिए तैयार हो जाये।इस आसन के अभ्यास के पहले कुछ आसन बताये गये है जिनका अभ्यास हम मार्जरी आसन के अभ्यास से पहले करें तो इस मार्जरी आसन करने में आसानी रहेगी और बेहतर लाभ मिलेगा।

  • गर्दन की एक्सरसाइज और स्कंध संचलन(Neck exercises and shoulder movements)
  • उत्कटासन(Utkatasana)
  • ताड़ासन(Tadasana)
  • कटीचक्रसन(Katichakrasan)
  • बालासन(child pose)
  • बितिलासन(Bitilasana)
  • गरुड़ासन(Garudasana)Eagle pose
  • तितलीआसन(butterfly)
  • दंडासन(Dandasana or staff pose)

इन आसनों का अभ्यास किया जा सकता है,जिससे मार्जरी आसन करने में सरलता होगी।


मार्जरी आसन की विधि(Method of Marjari Asana)

मार्जरी आसन की विधि,लाभ और सावधानियाँ


मार्जरी आसन की विधि,लाभ और सावधानियाँ

मार्जरी आसन(Cat Cow Pose)

मार्जरी आसन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले फर्श में एक योगा मैट,कार्पेट,चटाई या दरी बिछा दें।

  • बिछे हुए मैट पर अपने घुटनों को मोड़कर कर बैठ जाए इसमें दाहिने पैर(right leg) की एड़ी(heel),दाहिने नितंब(hip) पर और बायें पैर(left leg) की एड़ी(heel),बायें नितंब(hip) पर स्पर्श करें, यह मुद्रा वज्रासन की स्थिति मानी जाती है।
  • अब नितंबों को ऊपर उठाए और घुटनों के बल खड़े हो जायें।
  • आगे झुकें और दोनों हाथों को अपने कंधों के नीचे मैट पर सपाट रखें।
  • इसमें उँगलियाँ आगे की तरफ होना चाहिए और हाथ घुटनों के सीध में रखें,हाथ और जंघा(thigh)फर्श से लंबवत होना चाहिए।
  • दोनों हाथों की दूरी कंधों(shoulders)के बराबर होना चाहिए।
  • अपने दोनों घुटनों को हिप्स जॉइंट के बराबर रखने का प्रयास करें।
  • आपके दोनों हाथ(arms) और कोहनी(elbows) सीधे होना चहिये।
  • आपने दोनों घुटने और ऊपर की तरफ नितंब का भाग एक सीध में नब्बे डिग्री का कोण बनना चाहिए।
  • कोसिस करें कि हाथ और घुटने एक सीध में रहें यदि आप असहेज महसूस कर रहे हो तो इस स्थिति में घुटनों में थोड़ा फासला अपने सुविधानुसार रखा जा सकता है।
  • आपकी छाती फर्श के समानन्तर होना चाहिए,इस मुद्रा की अकृति बिल्ली के समान दिखाई देना चाहिए।
  • यह प्रारंभिक अवस्था मानी गई है।
  • अब दोनों हाथों और घुटनों में दबाव डालें, श्वास भरते हुए अपने सिर और नितम्बों(hips)को ऊपर की ओर खींचे साथ साथ रीड की हड्डी को नीचे की तरफ दबाएँ ताकि पीठ अवतल हो जाये
  • इस स्थिति में पेट को पूरा फैलाए ,फेफड़ों और डायफ्रॉम अधिकतम मात्रा में हवा से भरें।
  • इस स्थिति में कुछ समय के लिये सांस रोकें।
  • इसके बाद सांस छोड़ते हुए सिर और नितंब को नीचे की तरफ करें और स्पाइन को ऊपर की तरफ खींचे,सांस छोड़ने के अन्त में पेट को अन्दर करे।
  • इस अवस्था में सिर हमारे दोनों हाथों के बीच जाँघों की और होगा।
  • रीड की हड्डी के आर्च और पेट के संकुचन पर जोर देते हुए कुछ समय के लिये सांस को रोकें।
  • यह हमारा एक चक्र संपन्न हुआ।

मार्जारी आसन या कैट काउ पोज कैसे करें वीडियो(How to do Marjari Asana or Cat Cow Pose Video)


Marjari Asana Video



मार्जरी आसन करने की अवधि(Duration of Marjari Asana)

मार्जरी आसन का अभ्यास सामान्य उद्देश्य के लिए अपनी क्षमतानुसार आठ से दस पूर्ण चक्र(cow and cat pose)किए जा सकते है,बाकी आप अपने अनुसार घटा या बढ़ा सकते है।

मार्जरीआसन करने में जागरूकता(awareness in doing Marjariasana)

इस आसन के अभ्यास के दौरान शारीरिक और आध्यात्मिक सजगता प्राप्त होती है।

  • शारीरिक सजगता में श्वास ऊपर से नीचे तक रीढ़ की गति और लचीलेपन के साथ तालमेल रखती है।
  • आध्यात्मिक सजगता में स्वाधिष्ठान चक्र पर पूरा ध्यान केन्द्रित होता है।

मार्जरी आसन अभ्यास में ध्यान रखने योग्य बातें(Things to keep in mind while practicing Marjari Asana)

बाजुओं को कोहनियों से मोड़ें, बाजुओं और जांघों को सीधा रखें।


मार्जरी आसन करने के बाद करने वाले आसन(Asanas to do after doing Marjari Asana)

मार्जरी आसन का अभ्यास करने के बाद कुछ विशेष येसे आसन बताये गये है जो इस अभ्यास के बाद करने से और अधिक लाभ  हमारे शरीर को मिल सकता है और चोट(Injury) होने के अवसर भी कम हो जाते है:

  • भुजंगासन(Bhujangasana)
  • ऊर्ध्व मुख श्वानासन(Urdhva Mukha Svanasana)
  • शशांकासन(Shashankasana)
  • गोमुखासन(Gomukhasana)
  • पश्चिमोत्तानासन(Paschimottanasana)
  • अर्ध बद्ध पद्मा पश्चिमोत्तानासन(Trianga mukhaikapada Paschimottanasana or three Limbed forward Bend)
  • नौकासन(Boat Pose)
  • कूर्मासन(Kurmasana)
  • सुप्तकूर्मासन(Supta Kurmasana)

मार्जरी आसन शुरुआती लोगों के लिए करने के सुझाव(Tips to do Marjari Asana for beginners)


मार्जरी आसन योग का एक महत्वपूर्ण आसन है, इसका अभ्यास करने के लिए कुछ सुझाव आवश्यक माने गये है जो अभ्यास के दौरान प्रत्येक व्यक्ति को ध्यान में रहना चाहिए खासतौर से शुरुआती अभ्यासियों के लिये यह बहुत ही मददगार साबित हो सकता है:

  • :मार्जरी आसन का अभ्यास करते समय अपनी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखें अपने शरीर की क्षमता के अनुसार ही अभ्यास करें,सीमाओं के अंदर रहें और शरीर पर अधिक दबाव डालें।
  • मार्जरी आसन का अभ्यास करते समय साँसों पर विशेष ध्यान रखें,शरीर पर एकाग्रता बनाये रखें, बातें करे जो अभ्यास कर रहे है उसपर ही अपने ध्यान को स्थिर रखें जिससे आसन का अभ्यास सुखद और सुरक्षित रहे।
  • इस आसन का अभ्यास स्थिर और ध्यानपूर्वक करने से हमारे शरीर और मन में स्थिरता आती है जिससे आसन का अभ्यास सरल हो जाता है और साथ ही साथ उस आसन के फायदे भी अधिक मिलते है।
  • मार्जरी आसन के अभ्यास से हमारे शरीर को लाभ मिलता है,यह पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने,पाचन तंत्र को ठीक करने और शरीर का संतुलन बनाए रखने में मदद करता है इसके प्रभाव को समझे,महसूस करें और जो आपके योग गुरु है उनसे और अधिक जानकारी ले जिससे आप अधिक से अधिक लाभ लेने में सफल हों।
  • शुरुआती अभ्यासी को धीरे-धीरे आसन का अभ्यास बढ़ाना चाहिए जैसे जैसे आपके शरीर का लचीलापन और सामर्ज्य बढ़ता जाए अभ्यास को आगे बड़ाते जाये खासकर जो पहले कभी योग अभ्यास नहीं किया है, इसे सीखने में समय लग सकता है।
  • मार्जरी आसन का अभ्यास करते समय अपनी आयु और शरीर की क्षमता का विशेष ध्यान रखें देखासीखी का अभ्यास करें जितना आपके लिये उचित है उतना ही अभ्यास करने का प्रयास करें।
  • इस आसन का नियमित अभ्यास करें, योग की दैनिक अभ्यास हमारे शरीर और मन के लिए बेहद फायदेमंद माने गये है जो हमारी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए उपयोगी है।
  • योग आसनों का ठीक तरीके से लाभ प्राप्त करने के किए किसी सुयोग्य योग गुरु या योग चिकित्सक के मार्गदर्शन में करें जिससे अधिक से अधिक फायदे ले सकें और स्वास्थ्य को बनाये रखने में मदद मिल सके।
  • मार्जरी आसन का अभ्यास करते समय अपने स्पाइन के संचालन के लिये आप अपने योग शिक्षक या मित्र की सहायता ले सकते है जिससे स्पाइन के मोड़ने में आसानी रहेगी और अभ्यास करने में मदद मिलेगा।

मार्जरी आसन के लाभ(Benefits of Marjari Asana)

मार्जरी आसन का अभ्यास करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में अनेक प्रकार के लाभ देखे गये है।

मार्जरी आसन के फायदे मेरुदंड में(Benefits of Marjari Asana for spine)

इस आसन का अभ्यास करते समय भरपूर्ण मात्रा में स्पाइन की एक्सरसाइज होती है जिससे रीड की हड्डी में लचीला पन बढ़ने के साथ साथ अद्भुत लाभ देखें गये है।

  • मार्जरी आसन मेरुदंड को लचीला बनाने में मदद करता है जिससे स्पाइन की समस्याओं को कम करने के साथ उसको अनेक चोटों से सुरक्षित किया जा सकता है।
  • मार्जरी आसन का अभ्यास करने से मेरुदंड का पॉस्चर,संरेखन(alignment) को ठीक बनाये रखने में सहायता मिलती है एवं स्पाइन को स्वस्थ बनाये रखने में सहायता मिलती है।
  • मार्जरी आसन का अभ्यास करने से पीठ की मास्पेसियों को मजबूती मिलती है जिससे पीठ की मास्पेशियाँ मजबूत और स्वस्थ बनाये रहने में सहायता मिलती है।
  • इस आसन का अभ्यास करते समय सांस के साथ आप आरामदायक अवस्था में जाते है जिससे ध्यान की अवस्था में जाने के लिये यह मददगार साबित होगा।

मार्जरी आसन के फायदे कंधों में(Benefits of Marjari Asana in shoulders)

मार्जरी आसन का अभ्यास करने से कंधों में अनेक प्रकार के फायदे देखे गये है

  • मार्जरी आसन का अभ्यास करने पर कंधों की स्थिति को ठीक करने में सहायता मिलती है जिससे हमारी कंधे और कनपट्टी की मास्पेसियों को लचीला बनाने में मदद मिलती है।
  • इस आसन के अभ्यास से कंधों के दर्द और तनाव को ठीक करने में मदद मिलती है आज कल की जीवन शैली इतनी अस्त व्यस्त है कि ज्यादातर लोगों में कंधों के दर्द और तनाव देखने को मिलता रहता है इस समस्या के लिए यह आसन बहुत ही लाभप्रद हो सकता है।
  • मार्जरी आसन का अभ्यास कंधों के सही पॉस्चर(posture) और स्थिति को ठीक करने में सहायक माना गया है इससे हमारे कंधे सही से विकसित होंगे और ठीक से कार्य करेंगे जिससे हमें कंधों को स्वस्थ रखने में सहायता मिलेगी।
  • इस आसन के अभ्यास से कंधों की पेशियों को मजबूत करने में सहायता मिलती है जिससे कंधों को स्वस्थ मजबूत और शशक्त बनाने में मदद मिलती है
  • इस आसन को करते समय हमारी सांसों में एकाग्रता होती है जिससे हमारा मन स्थिर होता है और कंधों के प्रति सजगता रखने में सहायता मिलती है।

मार्जरी आसन के लाभ गर्दन में(Benefits of Marjari Asana in neck)

मार्जरी आसन के अभ्यास से गर्दन(neck) के दर्द में अनेक प्रकार के लाभ देखे गये है:


  • मार्जरी आसन का अभ्यास गर्दन को लचीला बनाने मेंसहायता करता है, जिससे गर्दन की समस्याओं को कम किया जा सकता है।
  • मार्जरी आसन का अभ्यास नियमित रूप से करने से, गर्दन के दर्द को कम करने में सहायता मिलती है। खासकर जो व्यक्ति अधिक समय तक बैठे बैठे लैपटॉप या मोबाइल में कार्य करते है,छात्रों को भी यह समस्या देखी गई है क्योंकि उनको भी अधिक समय तक एक ही पॉस्चर में बैठना पड़ता है और यदि बैठने का तरीका गलत हो गया तो समस्या उत्पन्न हो सकती है,इस आसन के अभ्यास से लाभ मिलेगा।
  • मार्जरी आसन के अभ्यास से से गर्दन की सही पोस्चर (posture) और स्थिति को बनाए रखने में सहायता मितली है, जिससे हमारी गर्दन स्वस्थ और सही तरीके से विकसित होने में मदद मिलती है और स्वस्थ बनाए रखने में सहयोग करती है।
  • मार्जरी आसन के अभ्यास से गर्दन के चारों ओर की पेशियाँ (muscles) कार्य करती है जिससे ये मास्पेसियाँ मजबूत होती हैं,इससे गर्दन को स्वस्थ और मजबूत बना

मार्जरी आसन के फायदे पाचन को मजबूत करने में(Benefits of Marjari Asana in strengthening digestion)

मार्जरी आसन का अभ्यास पाचन (digestion) को मजबूत करने में भी सहायक माना गया है अनेक प्रकार से यह आसन पाचन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है:

  • मार्जरी आसन का अभ्यास करते समय हमारी पेट की मास्पेसियाँ और पाचन अंगों की मालिश होती है जिससे पाचक अंगों की क्रियाशीलता बड़ जाती है,जिससे पाचन क्रिया सक्रिय होती है और पाचन क्रिया को मजबूत करने में सहायक होता है।
  • मार्जरी आसन का अभ्यास करने से हमारे पेट के भीतरी अंगों के बीच का प्रेषण बढ़ जाता है, जिससे हमारे पाचन प्रणाली को स्वस्थ बनाने में सहायता मिलती है।
  • मार्जारी आसन के अभ्यास से हमारे पेट में पाचक रसों का स्राव(secretions)होता है।जिससे हमारा पाचन तंत्र मजबूत होता है और पाचन की क्रिया ठीक तरीके से होने लगती है जो अच्छे स्वास्थ्य के लिये बेहतर माना गया है।
  • इस आसन के अभ्यास से पेट में गैस और एसिडिटी को कम करने में सहायता मिलती है जिससे पेट के पाचन क्रिया को ठीक करने में मदद मिलती है।
  • मार्जरी आसन के अभ्यास से पेट में सूजन को कम करने में सहायता मिलती है जो हमारे पाचन को सुधारने में सहायक साबित हो सकता है।
  • मार्जरी आसन के अभ्यास से हमारी बड़ी आँत की मालिश होती है जिससे कब्ज को ठीक करने में सहायता मिलती है और इससे हमारे पाचन क्रिया को ठीक करने में मदद मिलेगी।
  • इस आसन के अभ्यास से हमारी छोटी आँत की भरपूर मालिश होती है,जिससे इसकी क्रियाशीलता बढ़ जाती है जो हमारे भोजन के पोषक तत्वों को अवशोषित करने का कार्य करती है जिससे हमारी छोटी आँत को स्वस्थ रहने में मदद मिलती है और यह छोटी आँत हमारे पाचन तंत्र को ठीक रखने में सहायक है।
  • मार्जरी आसन का अभ्यास सांस और एकाग्रता के साथ करने से पाचन क्रिया को और भी अधिक बेहतर बनाया जा सकता है।

मार्जरी आसन के लाभ रक्त परिसंचरण में(Benefits of Marjari Asana in blood circulation)

मार्जरी आसन का अभ्यास रक्त परिसंचरण में अनेक प्रकार से लाभ पहुँचाने का कार्य करत है:

  • मार्जरी आसन के अभ्यास के माध्यम से आप अपने पूरे शरीर को संकुचित और फैलाने का कार्य करते हैं, जिससे रक्त प्रवाह में सुधार होता है। इससे मांसपेशियों को ज्यादा ऑक्सीजन और पोषण मिलता है जिससे रक्त परिसंचरण तंत्र ठीक होता है।
  • मार्जरी आसन के अभ्यास से स्पाइन की मांसपेशियाँ खिंचती है जिससे स्पाइन को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है,इससे कमर और पीठ की मजबूती बढ़ती है और दर्द को कम करने में सहायता मिलती है,जो हमारे रक्त संचार में लाभदायक माना गया है।
  • मार्जरी आसन का अभ्यास करने से मानसिक तनाव को कम करने में मदद मिलती है,जिससे रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायता मिलती है और रक्त प्रवाह ठीक से होने में सहायता मिलती है।
  • मार्जरी आसन का अभ्यास हमारे आंतरिक और बाहय अंगों को लचीला और मजबूत बनाने में सहायता करता है, जिससे हमारे पूरे शरीर में रक्त का संचार ठीक से बना रहता है।
  • मार्जरी आसन के अभ्यास से हमारे शरीर में उपस्थित रक्त वाहिकाएं और नसें लचीली होती है,उनमे कोलेस्ट्रॉल का जमाव कम होता है जिससे शरीर में रक्त का संचार ठीक से होने में मदद मिलती है।
  • मार्जरी आसन का अभ्यास करने से हमारे रक्त परिसंचरण तंत्र से संबंधित कार्य करने वाले सभी अंगों में इस आसन के अभ्यास का प्रभाव पड़ता हे जिससे ये अंग मजबूत होते है और अधिक क्रियाशील होने के साथ शरीर में रक्त संचार ठीक करने में मदद करते है।

मार्जरी आसन के लाभ तनाव प्रबंधन में(Benefits of Marjari Asana in stress management)

मार्जरी आसन का अभ्यास तनाव प्रबंधन में सहायक माना गया है क्योंकि यह शारीरिक स्थिरता को बनाने के साथ साथ मानसिक स्थिति को सुधारने में मदद करता है:

  • मार्जरी आसन का अभ्यास करते समय हमारे मन को शांति और स्थिरता की भावना मिलती है। इससे हमारे मानसिक तनाव को कम करने में मदद मिलती है और हमारी मानसिक चुनौतियों का सामना करने में सहायक सिद्ध होती है।
  • मार्जरी आसन का अभ्यास करने से हमारे शरीर का संतुलन और मानसिक संतुलन बनाने में मदद मिलती है, बाहय आकर्षण कम करने में मदद मिलती है जिससे मानसिक संतुलन में सुधार करने में सहायता प्राप्त होती है।
  • इस आसन का अभ्यास करते समय सही तरीके से श्वासन और एकाग्रता रखनी पड़ती है जिससे हमारे तनाव को कम करने में मदद मिल सके,हमारे मन को शांति और आनंद का अहसास हो,जो तनाव को कम करने में मददगार साबित हो सके।
  • मार्जरी आसन का नियमित अभ्यास करने से रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद मिलती है जिससे तनाव कम होता है और हमारे सामान्य स्वास्थ्य में सुधार होता है,जो तनाव प्रबंधन में सहायक माना गया है।इसके अभ्यास से हम शरीर के साथ साथ अपने मन को भी स्वस्थ रख सकते है।

मार्जरी आसन के फायदे पेट का फैट कम करने में(Benefits of Marjari Asana in reducing belly fat)

मार्जरी आसन पेट के फैट को कम करने में सहायता करता है हालांकि मार्जरी आसन एक बेहतरीन योग आसन है, यह जरूरी है कि आप सही आहार, नियमित व्यायाम, और स्वस्थ जीवनशैली का पालन करें ताकि पेट के फैट को कम करने में मदद मिल सके। इस आसन का लाभ पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने, पेट के अंदर की मांसपेशियों को खीचने,और पेट के क्षेत्र में रक्त प्रवाह को बेहतर बनाने में मदद करता है जो पेट के फैट को कम करने में सहायक है किन्तु इसके साथ साथ हमे अन्य आसन का अभ्यास करना पड़ेगा और साथ ही आहार में बदलाव लाना पड़ेगा।

मार्जरी आसन के अभ्यास से शरीर में कुछ येसा प्रभाव देखा गया है जो पेट के फैट को कम करने में मदद करता है:

  • मार्जरी आसन के अभ्यास से हमारे पेट की मांसपेशियों में खिचाव होता है जिससे ये मजबूत होती हैं और लचीलापन बढ़ता हैं।
  • इस आसन का अभ्यास करने से पेट और स्पाइन में मोड़ने के दौरान खिचाव बनता है जिससे त्वचा(skin)में जमें फेट के स्तर(layer) को छोटे छोटे भागों में तोड़ कर फैट लेयर को कम करने में मदद मिलती है।
  • मार्जरी आसन का अभ्यास हमारे पेट दर्द को कम करने में सहायक माना गया है जिससे पेट में दर्द,सूजन कम करने में सहायता मिलती है जिससे पेट के फैट को कम करने में मददगार साबित हो सकता है।
  • इस आसन का अभ्यास करते समय ठीक तरीके से श्वासन पर ध्यान केंद्रित करने से मन शांत होता है जिससे तनाव को कम किया जा सकता है, जो पेट के फैट को कम करने में सहायक हो सकता है।

मार्जरी आसन के फायदे गर्भावस्था में(Benefits of Marjari Asana during pregnancy)

योग आसनों का अभ्यास गर्भवती महिलाओं के लिए डॉक्टर या योग गुरु के साथ सलाह लेते हुए किया जाना उचित माना गया है, ताकि सुरक्षित और स्वस्थ तरीके से योग किया जा सके।

मार्जरी आसन का अभ्यास गर्भावस्था में गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद माना गया है। यह आसन गर्भवती महिलाओं को उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है।इसके कुछ फायदे इस प्रकार है:

  • मार्जरी आसन का अभ्यास करने से गर्भावस्था के दौरान,पीठ और कमर में दर्द की समस्या अक्सर देखने को मिलती है।इस आसन के अभ्यास से इन सभी दर्द को कम करने में मदद मिलती है,जिससे गर्भवती महिलाओं को राहत मिलती है।
  • मार्जरी आसन के अभ्यास से गर्भवती महिलाएं अपनी पीठ की मांसपेशियों को खिचाव देती है जिससे उनकी फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है,मेरुदंड लचीली होता है जो प्रसव के दौरान सहायक सिद्ध होता है।
  • मार्जरी आसन का अभ्यास गर्भावस्था के दौरान प्रसव की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने में सहायता करता है।यह आसन प्रसव के दौरान संवेदनशीलता और सामर्थ्य को बढ़ावा देने में मददगार है।
  • मार्जरी आसन का अभ्यास शरीर में रक्त प्रवाह और पेट में सामान्य रक्त परिसंचरण को बेहतर बनाने में मदद करता है, जिससे गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य को सुधारने में सहायता मिलती है।
  • मार्जरी आसन का अभ्यास करने से मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद मिलती है, जिससे गर्भवती महिलाओं के तनाव को कम करने और मातृभावना को बढ़ावा देने में सहायता मिलती है।
  • इस आसन का अभ्यास करने से प्रसव के बाद भी शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद मिलती है, जैसे कि पीठ और कमर की मजबूती बढ़ाने में,दर्द कम करने में,पेट की पेशियों को चुस्तदुरुस्त करने में,मसल्स टॉनअप के लिये और प्रजनन अंगों को ठीक से स्थित रखने में सहायक माना गया है।
  • मार्जरी आसन का अभ्यास करने से हमारे प्रजनन अंगों को लचीला बनाने में सहायता मिलती है, जिससे गर्भधारण करने की क्षमता में सुधार होता है। यह गर्भाशय और गर्भस्त्राण को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
  • यह महिला प्रजनन प्रणाली को धीरे धीरे टोन करने में मदद करता है। इसे गर्भावस्था के छठे महीने तक सुरक्षित रूप से अभ्यास किया जा सकता है, हालांकि, 3 महीने के बाद पेट को जोरदार संकुचन से बचना चाहिए। अभ्यास के दौरान महिलाओं को यह ध्यान देना चाहिए कि पेट पर जोर लगाने से बचें।

गर्भावस्था के दौरान योग का अभ्यास करने से पहले, डॉक्टर से सलाह लेना हमेशा सुरक्षित होता है, और योग को सही तरीके से अभ्यास करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को योग का अभ्यास सुयोग्य योग चिकित्सक की देख रेख में ही करना चाहिए जिससे किसी तरीके का नुकसान पहुँचे और सुरक्षित स्वस्थ रूप से आसन कर सकें और गर्भस्थ माता और शिशु दोनों का ही शारीरिक और मानसिक विकास होने में सहयोग मिल सके।


मार्जरी आसन के फायदे महिलाओं के प्रजनन अंगों में(Benefits of Marjari Asana in women's reproductive organs)

महिलाओं के प्रजनन अंगों में मार्जरी आसन का बहुत ही उपयोगी योगदान माना जाता है,जो महिलाओं के प्रजनन संबंधी अनेक समस्याओं को ठीक करने में सहायक माना गया है:

  • मार्जरी आसन के अभ्यास से महिलाओं के प्रजनन अंगों को लचीला बनाने में सहायक माना गया है, जिससे गर्भधारण की क्षमता में सुधार  होता है। यह गर्भाशय को स्वस्थ रूप से रखने में मदद करता है और गर्भस्त्राण(Miscarriage) जैसी समस्या को ठीक करके गर्भधारण योग्य बनाने में मदद करता है।
  • महिलाओं में उम्र बढ़ने के साथ साथ उनके प्रजनन अंगों में बहुत सारे बदलाव आते है जिससे प्रजनन संबंधी समस्याएँ भी बढ़ती है।महिलाओं में रजोनिवृत्ति(manopause)के समय शारीरिक और मानसिक परिवर्तन देखने को मिलते है।इस आसन के अभ्यास से हमे उन समस्याओं से लड़ने की क्षमता मिलती है जिससे उन समस्याओं को ठीक करने में आसानी होती है और स्वास्थ्य प्रबंधन में मदद मिलती है।
  • इस आसन के अभ्यास से शरीर के अनेक अंगों में खिचाव(stretch) होता है, जिससे रक्त का संचार ठीक से होता है,इस कारण महिलाओं के प्रजनन अंगों में लाभदायक माना गया है।
  • मार्जरी आसन का अभ्यास करने से महिलाओं में ओव्यूलेशन विकार, फैलोपियन ट्यूब में क्षति,एंड्रोमाटियोसिस,गर्भाशय या गर्भाशय ग्रीवा संबंधी समस्याओं के कारण होने वाले बाँझपन की समस्या को ठीक करने में सहायक माना गया है किंतु इसमें आपका योगाभ्यास,आहार,जीवनशैली और जो भी आपका उचित उपचार चल रहा है उन सभी के साथ यदि हम इसका अभ्यास करते है तो हमें स्वस्थ होने में मदद मिलेगी।
  • यह आसन गर्भाशय को अपने स्थान पर सुव्यवस्थित करने में सहायक है।

मार्जरी आसन के लाभ कलाई की क्षमता बढ़ाने में(Benefits of Marjari Asana in increasing wrist strength)

मार्जरी आसन का अभ्यास कलाई की क्षमता बढ़ाने में मदद करता है, खासकर जब आप इसे ठीक तरीके से कर रहे हों और नियमित रूप से अभ्यास करते रहें।

  • इस आसन से हमारे पैरों की,हाथों की,कमर की और कंधों की मांसपेशियों  को खिचाव होता है,वहाँ की मास्पेसियाँ सक्रिय होती है,जिससे कलाई की क्षमता बढ़ाने में सहायता मिलती है।
  • इस आसन के अभ्यास को यदि ठीक तरीके से श्वासन के साथ करते है तो हमारी मास्पेसियों के प्रति सजगता बढ़ती हे शरीर में स्थिरता आती है,जिससे कलाई के आस-पास के क्षेत्रों में तनाव को कम करने में मदद मिलती है और कलाई की क्षमता में सुधार होता है।

  • कलाई की क्षमता बढ़ाने के लिए, एक स्वस्थ और मजबूत शारीरिक स्थिति का होना भी महत्वपूर्ण है। मार्जरी आसन का अभ्यास आपके शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है जिससे कलाई की क्षमता में सुधार करने में मदद मिलती है।
  • मार्जरी आसन का अभ्यास करने से स्थिरता और बैलेंस को बढ़ावा मिलता है,जो कलाई की क्षमता को बढ़ाने में मददगार साबित हो सकता है।

मार्जरी असार के लाभ पाचक ग्रंथियों की मालिश करने में(Benefits of marjoram essence in massaging the digestive glands)

मार्जरी आसन के अभ्यास से हमारे पेट और स्पाइन की मास्पेसियों में खिचाव उत्पन्न होता है,पेट और स्पाइन को इस अभ्यास से ऊपर और नीचे झुकाने के कारण पेट की मास्पेशियो में दबाव बनता है क्योंकि पेट में ही पाचक ग्रंथियाँ उपस्थित होने के कारण उनमें भी दबाव होता है जिससे वहाँ की मास्पेसियाँ सक्रिय होती है और पाचक ग्रंथियों में ठीक से मालिश करने में मदद मिलती है।पाचक रसों का स्राव ठीक से होता है जो हमारे पाचन क्रिया में सहायक माना गया है।इसी लिये इस आसन का अभ्यास पाचन क्रिया को ठीक करने और पाचक ग्रंथियों की मालिश करने दोनों में सहायक माना गया है।


मार्जरी आसन के लाभ अस्थमा रोगियों में(Benefits of Marjari Asana in asthma patients)

मार्जरी आसन (Cat-Cow Pose) का अभ्यास करने से अस्थमा सम्बन्धी समस्या में लाभ मिलता है ख़ासकर अगर आप इसे नियमित रूप से सही श्वाँस के साथ अभ्यास करते रहें:

  • मार्जरी आसन के अभ्यास से हम गहरी सांस भरते है जिससे फूफूस(Lungs) और डायाफ्राम मजबूत होते है इससे श्वास लेने की क्षमता में सुधार होता हैं, जिससे अस्थमा के रोगी को सांस लेने में आसानी हो सकती है।
  • इस आसन का अभ्यास गहरी  श्वसन के साथ किया जाता है जिससे वायुमार्ग को साफ करने में मदद करता है और हमारे शरीर से कार्बन डाईऑक्साइड बाहर निकालने में मदद करता है जो अस्थमा रोगियों के लिए लाभदायक हो सकता है।
  • मार्जरी आसन का अभ्यास श्वसन के साथ किया जाता है, जिससे सांस की सामर्थ्य और गहराई बढ़ाने में मदद मिलती है, जो अस्थमा रोगियों के लिए लाभदायक माना गया है।
  • इस आसन के नियमित अभ्यास से श्वास की गति को नियंत्रित करने में मदद मिलती है, जिससे अस्थमा रोगियों को सांस लेने की बेहतर क्षमता बढ़ती है।

मार्जरी आसन के फायदे मासिक धर्म में(Benefits of Marjari Asana during menstruation)

  • मासिक धर्म संबंधी विकारों और ल्यूकोरिया से पीड़ित महिलाओं को मार्जरी आसन करने से राहत मिलती है।          
  •  मासिक धर्म के दौरान महिलाओं के शरीर में ऐंठन(cramps) की समस्या अक्सर देखने को मिलती है इस आसन के अभ्यास से यह समस्या कम करने में मदद मिलती है।
  • मार्जरी आसन के अभ्यास से मासिक धर्म की अनियमितता पीरियड की असामान्यता को ठीक करने में मदद मिलती है।
  • इस आसन के अभ्यास से महिलाओं में असामान्य रक्तस्राव(अत्यार्तव) की समस्या को ठीक करने में सहायता मिलती है।
  • इस आसन के अभ्यास से महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान थकान महसूस करना,चिड़चिड़ापन,कब्ज,सिर पेडू में दर्द,बार बार पेसाब आने की इच्छा होना,पैरों में सूजन,बेचैनी जैसी होने वाली अनेक प्रकार की समस्याओं को ठीक करने में मदद मिलती है।

मार्जरी आसन के लाभ मन शान्त करने में(Benefits of Marjari Asana in calming the mind)

मार्जरी आसन का नियमित अभ्यास करने से मन को शांति प्रदान करने में सहायता मिलती है।

  • मार्जरी आसन का अभ्यास करने से शरीर और श्वासों में सजगता बनाने में सहयोग मिलता है जिससे हम वर्तमान समय या वर्तमान क्षण में उपस्थित रहते हैं। यह ध्यान और शांति की भावना को बढ़ावा देता है।
  • इस आसन के अभ्यास से तनाव कम करने में मदद मिलती है, जो मानसिक शांति को प्राप्त करने में सहायक माना गया है।
  • यह आसन मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है, जैसे कि चिंता, उदासीनता आदि को कम करने में सहायक माना गया है।
  • इस आसन के नियमित अभ्यास से मानसिक सामंजस्य और धारणा को बढ़ावा देने में मदद मिलती है, जिससे मन शांति की ओर अग्रसर होता है।
  • आसनों के नियमित अभ्यास से, हमारे स्वास्थ्यपूर्ण जीवनशैली को प्रोत्साहित करने की प्रेरणा मिलती है, जिससे मानसिक शांति की ओर कदम बढ़ाने में सहयोग प्राप्त हो सकता है।

मार्जरी आसन को सही तरीके से और ध्यानपूर्वक अभ्यास करने से मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद मिलती है। ध्यान और धारणा के साथ इसका अभ्यास करने से मन शांत होता है और आपका सामंजस्य बना रहता है।


मार्जरी आसन के लाभ प्राथमिक कष्टार्तव में(Benefits of Marjari Asana in primary dysmenorrhea)

मार्जरी आसन का नियमित अभ्यास करने से प्राथमिक कष्टार्तव (पीरियड्स) के दौरान एक लाभकारी योगासन माना गया है। यहाँ प्राथमिक कष्टार्तव के दौरान मार्जरी आसन के फायदे:

  • मार्जरीआसन के नियमित अभ्यास से रीढ़ की हड्डी और पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों में सुधार होता है और मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द को कम करने में मदद मिलती है। गर्भाशय के संकुचन को कम करने में सहायता मिलती है हालांकि, यदि आपको मासिक धर्म में बहुत ज्यादा दर्द होता है, तो आपको इस आसन को करने से पहले चिकित्सक से परामर्श लेना जरुरी माना गया है,क्योंकि इसमें कोई चिकित्सकीय समस्या हो सकती है जिसकी उपचार की आवश्यकता हो। 
  • प्राथमिक कष्टार्तव के दौरान, कमर और पीठ के दर्द की समस्या अक्सर देखने को मिलती है। मार्जरी आसन का अभ्यास करने से ये दर्द कम हो सकता है और आपको आराम मिल सकता है।
  • इस आसन का अभ्यास मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर करता है, जिससे कष्टार्तव के दौरान मनोबल को स्थिर करने में मदद मिलती है।
  • इस आसन के अभ्यास से पेट की मांसपेशियों को स्ट्रेच करने से पेट के दर्द को कम करने में सहायता मिलती है।
  • प्राथमिक कष्टार्तव के दौरान मार्जरी आसन का अभ्यास आरामदायक और लाभकारी माना गया है, किंतु सुनिश्चित करें कि आप इसे सही तरीके से कर रहे हैं या नहीं और योग के अन्य आसनों के साथ इसका भी सुरक्षित रूप से नियमित अभ्यास करें।

मार्जरी आसन की सावधानियाँ(Precautions for Marjari Asana)

आसन का अभ्यास ठीक तरीके से होना चाहिये, उसकी श्वास की स्थिति, आसन की मुद्रा, आसन के प्रति जागरूकता, इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए यदि हम अभ्यास करते है तो लाभ मिलेगा।

मार्जरी आसन को करते समय निम्नलिखित सावधानियों का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया जो इस प्रकार है:

  1. यदि आप नए हैं या योग आसनों का प्रथम बार अभ्यास कर रहे हैं, तो आराम से शुरुआत करें और आसन को सीखने के लिए धीरे-धीरे आगे बढ़ने का प्रयास करें।
  2. मार्जरी आसन का अभ्यास उस स्थिति में नहीं करना चाहिए जब हमारे गर्दन में चोट या दर्द है।
  3. गर्भावस्था में इस आसन का अभ्यास सुरक्षित रूप से करें या किसी योग्य चिकित्सक की देख रेख में इस अभ्यास को करें तो बेहतर होगा अभ्यास करने के पूर्व अपने डॉक्टर से परामर्श जरुर करे।
  4. यदि आपको बहुत अधिक घुटनों का दर्द है तो इस आसन का अभ्यास ना करें तो बेहतर होगा।
  5. यदि आपको हाल ही में ऑपरेशन हुआ है तो इस आसन का अभ्यास करें
  6. यदि आपके पेट में किसी प्रकार का ऑपरेशन हुआ है तो अभ्यास करने के पूर्व अपने डॉक्टर से परामर्श जरुर करें इसके बाद किसी योग चिकित्सक की देख रेख में अभ्यास को प्रारम्भ करें।
  7. आपको इस आसन का अभ्यास किसी अच्छे योग चिकित्सक की देख रेख में करना चाहिए जिससे पूर्णतः लाभ उठा सके और किसी प्रकार कि समस्या आये।
  8. यदि आपके गर्दन में चोट है या बहुत अधिक दर्द है तो उस अवस्था में अभ्यास को करें तो बेहतर होगा।
  9. यदि आपके स्पाइन में किसी प्रकार की चोट या स्पाइन संबंधित समस्या है तो किसी सुयोग्य योग चिकित्सक कि देख रेख में अभ्यास करें तो बेहतर होगा।
  10. इस आसन का अभ्यास करते समय अपने पूरे शरीर को ढीला रखें ताकि आसन को करने में आसानी हो सके।
  11. इस आसन को करते समय अपने दोनों हाथों को सीधा रखे।
  12. यदि आपको कमर में दर्द हो, गर्भवती हैं,या किसी और स्वास्थ्य समस्या का सामना कर रहे हैं, तो पहले डॉक्टर से परामर्श इसके बाद योग अभ्यास सुरू करें।
  13. योग आसन का अभ्यास खानपान के अच्छे आहार और स्वस्थ जीवनशैली के साथ साथ किया जाना चाहिए, तभीं ठीक से लाभ उठाया जा सकता है।
  14. मार्जरी आसन का अभ्यास गर्भवती महिलाओं को डिलिवरी(delivery) के बाद चिकित्सक की सलाह के बिना करें।
  15. हर आसन को सही तरीके से करने के लिए ध्यानपूर्वक सांस लेने का प्रयास करें और आसन के अनुसार सांस की स्थिति बदलें।
  16. यदि आपको आसन करते समय दर्द या असुविधा महसूस हो रही है, तो तुरंत आसन को बंद करके अपने शरीर का निरीक्षण करें और डॉक्टर से सलाह लें।
  17. योग का नियमित अभ्यास करें, ताकि आपको इसके लाभ पूरी तरह से मिल सकें।


मार्जरी आसन का सही तरीके से अभ्यास करने से पूरे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को लाभ मिलता है, लेकिन सावधानी से करना बहुत महत्वपूर्ण है।


योग का हमारे दैनिक जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान माना गया है शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिये यह एक कारगर माना गया है किंतु फिर भी कुछ इस प्रकार के रोग है जिनको ठीक करने के लिये हमें केवल मार्जरी आसन पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। यदि आप किसी स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित हैं, तो आपको अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए, जो आपकी जांच करेगा और उचित उपचार करेगा। उपचार के साथ साथ हम योगाभ्यास कर सकते हे साथ साथ हमें अपने आहार का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए, अपनी शरीर की क्षमता के अनुरूप ही अभ्यास करें, आसन के साथ साथ प्राणायाम,मुद्रा,ध्यान का भी नियमित अभ्यास करने का प्रयास करें क्योंकि हम अक्सर योग। में केवल आसन तक ही सीमित रहते है बाकी के  सारे अभ्यास छोड़ देते है वो हमारे संपूर्ण स्वस्थ या सर्वांगीण विकास के लिए बेहतर उपाय नहीं हो सकता है इसी लिए हमें स्वस्थ के प्रति सजग और जागरूक बनाने की जरूरत है।इसके साथ अपने चिकित्सक का परामर्श अवश्य मानें, स्वास्थ्य से संबंधित प्रत्येक बातों का विशेष महत्व दे जो आपके जीवन को स्वस्थ बनाने के लिए आवश्यक मानी गई है इसके अलावा, आप अभ्यास में और अधिक लाभ प्राप्त करने के लिये, चोटों के जोखिम से बचने के लिए किसी प्रशिक्षित योग चिकित्सक की देख रेख में मार्जरी आसन या कोई अन्य योगाभ्यास सीखते हैं तो इससे ज्यादा फायदा होगा। किसी भी प्रकार की बीमारी के लिए स्वयं दवा लें डॉक्टर के परामर्श के बिना और योग चिकित्सक के बिना योग का अभ्यास करें। 







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